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Monday 30 December 2013

Now people can celebrate honeymoon on tree

सुरेंद्र त्रिवेदी, मुजफ्फरपुर -नई विवाहित जोड़ों के लिए नए वर्ष में खुशखबरी है। वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना के रिजर्व क्षेत्र में हनीमून के लिए एक और आकर्षक योजना पर तेजी से काम चल रहा है। ट्री हट के रूप में सुविधाओं से लैस ये आकर्षक ठहराव 2014 से ही उपलब्ध होने लगेंगे। इको टूरिज्म के तहत इको हट के बाद यहां के प्रबंधन की यह अनोखी पहल है। यह जंगल सफारी के शौकीनों के लिए भी आकर्षण का केंद्र होगा। व्याघ्र परियोजना के अंतर्गत प्रमंडल-दो के कोतराहां वन विश्रमागार परिसर में राजगीर के कुशल कारीगरों के हाथों इन्हें तैयार कराया जा रहा है।

डीएफओ के डॉ. नीरज नारायण ने बताया कि ट्री हट को राजगीर के कुशल कारीगर बना रहे हैं। नए जोड़ों व जंगल सफारी के लिए आनेवाले पर्यटकों के लिए यह विशेष आकर्षण का केंद्र बनेगा। यहां ठहरने वाले पर्यटक उत्तम आवासीय सुविधाएं पाने के साथ-साथ प्रकृति का मनोरम दृश्य भी देख सकेंगे। प्रकृति की गोद में आशियाना :ट्री हट एक प्रकार से प्रकृति की गोद में बनाया जाने वाला सुंदर आशियाना होगा। इसमें 12X12 का एक बेड रूम, 6X6 के प्रसाधन व 5X5 के ड्रेसिंग कक्ष होंगे। लोहे व लकड़ी से बनने वाला यह हवाई महल जमीन से 50 फीट ऊंचा होगा। पर्यटकों के लिए इको हट वाल्मीकि परियोजना देश में तीसरे नंबर की व्याघ्र परियोजना है। यहां देश-विदेश से पर्यटक आते हैं। नववर्ष के पहले दिन तो काफी भीड़ जुटती है। कुछ ही दिनों पहले कोतराहां समेत कई स्थानों पर इको हट बनाए गए थे। अब ट्री हट बन रही हैं। 

यादगार बनाने वालों की कमी नहीं बगहा :अपनी शादी और हनीमून को यादगार बनाने वालों की अब कमी नहीं है। कहीं समुद्र की गहराइयों में पनडुब्बी पर तो कहीं अंतरिक्ष में उड़ान भरते जहाजों में यादगार बनाने जैसी शादियां होती हैं। देश-दुनिया में एक से बढ़कर एक उदाहरण सामने आते हैं। 2012 में मुजफ्फरपुर में ही एक यादगार शादी एलएस कॉलेज के प्रांगण में हुई थी। इसमें लड़की जब कमल के फूल से निकली और हवाई जहाज से फूलों की बारिश हुई तो लोग आश्चर्यचकित रह गए थे।सुरेंद्र त्रिवेदी, मुजफ्फरपुर :नई विवाहित जोड़ों के लिए नए वर्ष में खुशखबरी है। वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना के रिजर्व क्षेत्र में हनीमून के लिए एक और आकर्षक योजना पर तेजी से काम चल रहा है। ट्री हट के रूप में सुविधाओं से लैस ये आकर्षक ठहराव 2014 से ही उपलब्ध होने लगेंगे। इको टूरिज्म के तहत इको हट के बाद यहां के प्रबंधन की यह अनोखी पहल है। यह जंगल सफारी के शौकीनों के लिए भी आकर्षण का केंद्र होगा। 

व्याघ्र परियोजना के अंतर्गत प्रमंडल-दो के कोतराहां वन विश्रमागार परिसर में राजगीर के कुशल कारीगरों के हाथों इन्हें तैयार कराया जा रहा है। डीएफओ के डॉ. नीरज नारायण ने बताया कि ट्री हट को राजगीर के कुशल कारीगर बना रहे हैं। नए जोड़ों व जंगल सफारी के लिए आनेवाले पर्यटकों के लिए यह विशेष आकर्षण का केंद्र बनेगा। यहां ठहरनेवाले पर्यटक उत्तम आवासीय सुविधाएं पाने के साथ-साथ प्रकृति का मनोरम दृश्य भी देख सकेंगे। प्रकृति की गोद में आशियाना :ट्री हट एक प्रकार से प्रकृति की गोद में बनाया जाने वाला सुंदर आशियाना होगा। इसमें 12X12 का एक बेड रूम, 6X6 के प्रसाधन व 5X5 के ड्रेसिंग कक्ष होंगे। लोहे व लकड़ी से बनने वाला यह हवाई महल जमीन से 50 फीट ऊंचा होगा। पर्यटकों के लिए इको हट वाल्मीकि परियोजना देश में तीसरे नंबर की व्याघ्र परियोजना है। 

यहां देश-विदेश से पर्यटक आते हैं। नववर्ष के पहले दिन तो काफी भीड़ जुटती है। कुछ ही दिनों पहले कोतराहां समेत कई स्थानों पर इको हट बनाए गए थे। अब ट्री हट बन रही हैं। यादगार बनाने वालों की कमी नहीं बगहा : अपनी शादी और हनीमून को यादगार बनाने वालों की अब कमी नहीं है। कहीं समुद्र की गहराइयों में पनडुब्बी पर तो कहीं अंतरिक्ष में उड़ान भरते जहाजों में यादगार बनाने जैसी शादियां होती हैं। देश-दुनिया में एक से बढ़कर एक उदाहरण सामने आते हैं। 2012 में मुजफ्फरपुर में ही एक यादगार शादी एलएस कॉलेज के प्रांगण में हुई थी। इसमें लड़की जब कमल के फूल से निकली और हवाई जहाज से फूलों की बारिश हुई तो लोग आश्चर्यचकित रह गए थे। 

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Facebook Like million in dowry demands

सना। शादी में दहेज के तौर पर अक्सर धन-दौलत और जेवरात की मांग की जाती है। लेकिन यहां पेशे से लेखक एक व्यक्ति ने अपनी बेटी की मेहर के लिए लड़के से फेसबुक पर दस लाख लाइक की मांग की है। जी हां, पिता ने स्पष्ट रूप से कह दिया है कि ऐसा होने पर ही वह अपनी बेटी की शादी उसके साथ कराएंगे। दूसरी ओर दूल्हा बनने के लिए लड़का पूरी मेहनत के साथ इस काम में लग गया है। अब तक उसे तीस हजार लाइक भी मिल चुके हैं। लड़की के पिता ने यह अजीबोगरीब मांग दरअसल लड़के को परखने के लिए की है। यमन जैसे देश में अभी बहुत कम लोग ही इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं। लिहाजा दस लाख लाइक की फरमाइश को पूरा करना लड़के के लिए आसान बात नहीं है। फिलहाल भावी दूल्हा और दुल्हन के साथ सभी नाते-रिश्तेदार इस रोचक मांग के पूरा होने का इंतजार कर रहे है।

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Friday 27 December 2013

Dream house made by empty bottles 4137





अभय तिवारी, महेश्वर (खरगोन)। अपने आशियाने को अनोखा और सबसे सुंदर बनाने की हर किसी को चाहत होती है। घर के डिजाइन को लेकर कई इंजीनियरों से सलाह लेने के अलावा घंटों इंटरनेट पर बैठकर कुछ अलहदा तरीका ढूंढ़ा जाता है। ऐसा ही एक आशियाना इन दिनों मंडलेश्वर मार्ग पर प्राचीन वृद्धकालेश्वर के समीप बन रहा है। मटके के आकार वाले इस निर्माणाधीन मकान की खासियत यह है कि इसके निर्माण में ईंटों की जगह पानी की खाली बोतलों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस मकान की निर्माण शैली ऐसी है कि इस पर सीमेंट-कंक्रीट की छत नहीं होगी, अपितु इसकी दीवारें ही धीरे-धीरे गोलाई लेती हुई मकान को मटके का आकार देंगी। हॉल, बेडरूम और बाथरूम वाले इस मकान को बनाने वाले कारीगर हैं इंदौर के रवि बामनिया। उन्होंने बताया कि इस मकान के निर्माता चंद्रमोहन पंवार के परिवार ने इंटरनेट पर किसी विदेशी द्वारा इस प्रकार के मकान के बारे में देखा था। इसके बाद उन्होंने भी ऐसे ही मकान के निर्माण की इच्छा जाहिर की। 1500 वर्गफीट, 30 हजार बोतल लगभग 1500 वर्गफीट में बने रहे मकान में खाली बोतलों में मिट्टी को भरा जा रहा है। इसके पश्चात सलीके के साथ लोहे की जाली पर एक-एक बोतल को बांधकर उसे रेत और सीमेंट से जोड़कर मजबूती दी जा रही है। रवि बामनिया ने बताया कि पूरे मकान के निर्माण में लगभग 30 हजार बोतलों का उपयोग होगा। बोतलें करीब एक फीट लंबाई की होने से इसकी दीवारें करीब एक फीट मोटी होंगी। 

समय और लागत दोगुनी: मिट्टी का उपयोग होने से यह मकान वातानुकूलित जैसा होगा। यह न तो गर्मी के मौसम में गर्म होगा और न ही ठंड में ज्यादा ठंड लगेगी। बामनिया ने बताया कि आमतौर पर बनने वाले मकानों की अपेक्षा इस मकान के काम में जहां ज्यादा समय लगता है, वहीं इसकी लागत भी दोगुनी बैठती है। बहरहाल जैसे-जैसे इस मकान की जानकारी लोगों को हो रही है, उत्सुकतावश लोग इसे अनूठे मकान को देखने पहुंच रहे हैं। 

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Thursday 26 December 2013

The arrow hit the chicken hen on romance


अलीराजपुर। मध्य प्रदेश में प्यार का एक अनोखा मामला सामने आया है।

अलीराजपुर जिले के गांव ढेकाकुंड में छोटे भाई के मुर्गे को अपनी मुर्गी से इश्क लड़ाता देख एक व्यक्ति आपा खो बैठा। उसने मुर्गे को तीर मारकर घायल कर दिया। गत 23 दिसंबर को हुई इस घटना के बाद से आरोपी फरार है। पुलिस मुर्गा मालिक की शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर उसकी तलाश कर रही है।

पुलिस के अनुसार, जगलिया भील का मुर्गा घर से निकलकर दालान में दाना चुग रहा था। इसी दौरान उसके छोटे भाई ज्ञानसिंह भील की मुर्गी भी बाहर आ गई। मुर्गी को देख मुर्गा इश्क फरमाने उसके पास जा पहुंचा। मुर्गे को अपनी मुर्गी के साथ चोंच लड़ाना ज्ञानसिंह को बेहद नागवार गुजरा। वह घर के अंदर से धनुष-तीर लेकर आया और मुर्गे पर तीर से वार कर दिया। तीर मुर्गे के शरीर के आर-पार हो गया। मुर्गा मालिक जगलिया भील को जब यह पता चला तो वह हैरान रह गया। वह तुरंत अपने घायल मुर्गे को लेकर पुलिस थाने जा पहुंचा। 

पुलिस ने मुर्गे को पशु चिकित्सालय भेजा। डॉक्टरों ने तीर निकालने से पहले मुर्गे की हालत में सुधार होने का इंतजार किया। उनका कहना था कि अगर तीर तुरंत शरीर से निकाल दिया जाता तो अधिक मात्रा में खून बहने से मुर्गे की मौत हो जाती। फिलहाल प्राथमिक उपचार के बाद मुर्गा स्वास्थ्य लाभ ले रहा है। थाना प्रभारी आशाराम वर्मा ने बताया कि आरोपी ज्ञानसिंह भील के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसकी तलाश की जा रही है। 

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Bride goes on horse to groom’s house



फिल्म मेरे ब्रदर की दुल्हन का वह पोस्टर कइयों के जेहन में अभी ताजा होगा जिसमें अभिनेत्री कट्रीना कैफ बारात के लिए सजी घोड़ी पर सवार नजर आती हैं, लेकिन जिले के अल्लीपुर टंडवा में हकीकत में दुल्हन घोड़ी चढ़ बारात लेकर ससुराल जाती है। दूल्हे के दरवाजे पर द्वार पूजन व आंगन में मंडप सजता है और शादी की सारी रस्में निभाई जाती हैं। पूरे कार्यक्रम में दूल्हा और दुल्हन पक्ष के लोग साथ-साथ रहते हैं। 

पहले दुल्हन को ससुराल से मायके विदा किया जाता है और फिर दूल्हा उसे मायके से ससुराल विदा कराने जाता है। जिला मुख्यालय से करीब 70 किमी दूर संडीला-बांगरमऊ मार्ग पर इस गांव के कनौजिया, दिवाकर, विमल बिरादरी में चली आ रही इस परंपरा में ऐसा ही होता है। भावरें भी पड़ती हैं और रस्मों रिवाज भी निभाए जाते हैं, पर अंदाज जुदा है। स्थानीय निवासियों ने बताया कि शादी के दिन दुल्हन परिवार और नाते-रिश्तेदारों के साथ बारात लेकर ससुराल जाती है। दूल्हे के आंगन में ही खंभ पूजन कर मंडप सजाया जाता है। जनवासे से दुल्हन अपने परिवार के साथ मंडप में जाती है और फिर वहीं अग्नि को साक्षी मान दूल्हे के साथ सात फेरे लेती है। पैर पूजन, कन्या दान जैसी रस्मों के बाद वह सास-ननद के बीच रहती है और अगले दिन सुबह दूल्हे के घर पर ही कलेवा होता है। शाम को दुल्हन के ससुरालीजन उसे मायके के लिए विदा करते हैं। अगले दिन दूल्हा अपने परिवार व रिश्तेदारों के साथ ससुराल जाता है। अगले दिन दुल्हन को ससुराल विदा करा ले जाते हैं। 

यह अनूठी परंपरा कब, किसने और कैसे शुरू हुई इसकी तो किसी को जानकारी नहीं है। बुजुर्ग रामआसरे का कहना है कि उनके पूर्वज बताते थे कि गांव में कभी बहुत गरीबी थी। किसी तरह गुजर-बसर होती थी। बेटी की शादी में अधिक खर्च न हो, इसके लिए लोग बेटी को लेकर उसकी ससुराल में ही शादी करने चले जाते थे। यह मजबूरी धीरे-धीरे परंपरा बन गई। आज सब साधन संपन्न हैं। लोग विदेश तक में काम करते हैं, लेकिन यह परंपरा अब भी कायम है। आज भी लोग धूमधाम से इस परंपरा का निर्वाह करते हैं। हाल में ही शादी के इस अनूठे बंधन में बंधी राधिका, रामबेटी, मुन्नी, रजनी और मनोहर का कहना है कि इस परंपरा में फेरे लेने के पहले ही दूल्हा-दुल्हन एक दूसरे को परिवारीजन को समझ लेते हैं जिससे भविष्य में कोई परेशानी नहीं होती। हमेशा ही उनका रिश्ता मजबूत रहता है। 

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Super dog Aerin



रमेश शुक्ला, अमृतसर। दुनिया की रैकिंग में टॉप टेन में शामिल है। ढाई हजार का टूथपेस्ट करता है, तीन हजार के शैंपू से नहाता है। आने जाने के लिए ऑडी गाड़ी है और दुनिया के पच्चीस मुल्कों का वीजा इसके पासपोर्ट पर लग चुका है। 

विदेशी डाक्टर डाइटिंग का ख्याल रखते हैं तो योगा करवाने के लिए योग टीचर है। 50 लाख के ड्राइंग रूम में रहता है। दिमाग में ख्याल तो जरूर आ रहा होगा कि बंदा कोई वीआईपी ही होगा..जी नहीं, ये कुत्ता है। इंडिया का सुपरस्टार डॉग ऐरिन। कीमत है 40 लाख रुपये। 

रविवार को अमृतसर में आयोजित डॉग शो में हिस्सा लेने के लिए देश-विदेश से करीब पांच सौ कुत्ते पहुंचे। कोई कुत्ता जहाज से आया तो कोई मर्सडीज व ऑडी से। दुनिया के तमाम नस्ल के कुत्तों का यहां अजब-गजब संसार दिखा। 

हैदरबाद के अभिमन्यु रेड्डी अपने चालीस लाख के कुत्ते ऐरिन के साथ शनिवार को दिल्ली से फ्लाइट से अमृतसर पहुंचे। ऐरिन के पांच सुरक्षाकर्मी पहले ही अमृतसर पहुंच चुके थे। एरिन के लिए शहर के सबसे नामचीन होटल में कमरा बुक था। ऐरिन को हवाई अड्डे से कड़ी सुरक्षा में होटल पहुंचाया गया। रविवार को सर्दी अधिक थी, ऐसे में 70 लाख की गाड़ी में से तभी उतारा गया जब उसे प्रतियोगिता में शामिल होना था। छह फुट कद के ग्रेजुएट (एमए इंग्लिश) बॉडीगार्ड अरशद बहुत ही संजीदगी से ऐरिन को शो में ले गए। 

अभिमन्यु रेड्डी बताते हैं कि ऐरिन के लिए 24 घंटे डॉक्टर दो शिफ्ट में उसका ख्याल रखते हैं। सुबह चार बजे योगा के लिए योग टीचर है। नहलाने के लिए अलग स्टाफ है। यही नहीं ऐरिन की पसंद का ख्याल रखने के लिए बेहतरीन कुक रखे गए हैं। ऐरिन इंटरनेशनल आल ब्रीड डॉग चैंपियनशिप में टॉप टेन का खिताब हासिल कर चुका है और इंडिया का नंबर वन डॉग भी है। 

डॉग शो करवाने वाले अमृतसर कैनाइन क्लब के चेयरमैन एआइएस भिंडर कहते हैं कि इस शो में दुनिया के बेहतरीन नस्लों के कुत्ते आए हैं, इसलिए डेनमार्क से जजमेंट के लिए विदेशी जज चेनवेंग वोह पहुंचे थे। 

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