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Friday 4 April 2014

Crying without tears

पांच साल की रानी (परिवर्तित नाम) रोती है पर जन्म से ही आंखों से आंसू नहीं आता। धीरे-धीरे उसका गोरा रंग भी काला पड़ गया। जांच में पता चला कि उसे रेयर जेनेटिक (अनुवांशिक) बीमारी है। जो उसके सेहत के लिए खतरा साबित हो सकता था। पर दिल्ली के एक प्राइवेट अस्पताल में कृत्रिम आंसू डालकर उसकी आंखें गीली की गई।

इसके अलावा उसे हार्मोनल मेडिसिन देने पर उसके सेहत में सुधार शुरू हो गया है। यही नहीं रानी की बीमारी से ढाई साल के छोटे भाई की बीमारी भी पकड़ी गई। छोटे भाई को भी यही बीमारी है। वह भी रोता है पर उसके आंख से आंसू नहीं आता। रानी चार भाई बहन है, जिसमें दो भाई व दो बहनें हैं। एक भाई व एक बहन रानी से बड़े हैं। दोनों बड़े भाई बहनों को यह परेशानी नहीं है। रानी के माता-पिता मूलरूप से बिहार पटना के रहने वाले हैं। उसके पिता दिल्ली में एक प्राइवेट कंपनी में अच्छे ओहदे पर नौकरी करते हैं। रानी की मां ने बताया कि दोनों छोटे बच्चों में यह परेशानी है। आंसू नहीं आने के कारण रानी की आंखें लाल रहने लगी थीं। शुरूआत में आंख के डॉक्टरों से इलाज कराने पर उन्होंने कहा कि उसकी आंखों में कोई दिक्कत नहीं है। करीब एक साल पहले वह बीमारी पड़ी। यूरिन में खून की मात्रा आने से वह कमजोर हो गई। इलाज करने पर वह बीमारी तो ठीक हो गई पर धीरे-धीरे उसका रंगा काला पड़ गया। तब त्वचा रोग विशेषज्ञ ने हार्मोन के डॉक्टर से दिखाने की सलाह दी। शालीमार बाग स्थित मैक्स अस्पताल के एंटोक्रिनोलॉजी विभाग की डॉक्टर वैशाखी रस्तोगी ने बताया कि हार्मोनल जांच करने पर पता चला कि रानी को एलग्रोव सिंड्रोम है। जो किडनी के उपर रहने वाले एडिनल ग्लैंड द्वारा कॉर्टिसॉल हार्मोन नहीं बनने के कारण है। इसके चलते रानी के हाथ-पैर, आंखों के नीचे का हिस्सा यहां तक कि मसूड़ा भी काला पड़ गया। हार्मोन की कमी दूर करने के लिए उसे कार्टिसॉल दवा देनी शुरू की गई है।

Source: Hindi News

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