सुरेंद्र त्रिवेदी, मुजफ्फरपुर -नई विवाहित जोड़ों के लिए नए वर्ष में खुशखबरी है। वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना के रिजर्व क्षेत्र में हनीमून के लिए एक और आकर्षक योजना पर तेजी से काम चल रहा है। ट्री हट के रूप में सुविधाओं से लैस ये आकर्षक ठहराव 2014 से ही उपलब्ध होने लगेंगे। इको टूरिज्म के तहत इको हट के बाद यहां के प्रबंधन की यह अनोखी पहल है। यह जंगल सफारी के शौकीनों के लिए भी आकर्षण का केंद्र होगा। व्याघ्र परियोजना के अंतर्गत प्रमंडल-दो के कोतराहां वन विश्रमागार परिसर में राजगीर के कुशल कारीगरों के हाथों इन्हें तैयार कराया जा रहा है।
डीएफओ के डॉ. नीरज नारायण ने बताया कि ट्री हट को राजगीर के कुशल कारीगर बना रहे हैं। नए जोड़ों व जंगल सफारी के लिए आनेवाले पर्यटकों के लिए यह विशेष आकर्षण का केंद्र बनेगा। यहां ठहरने वाले पर्यटक उत्तम आवासीय सुविधाएं पाने के साथ-साथ प्रकृति का मनोरम दृश्य भी देख सकेंगे। प्रकृति की गोद में आशियाना :ट्री हट एक प्रकार से प्रकृति की गोद में बनाया जाने वाला सुंदर आशियाना होगा। इसमें 12X12 का एक बेड रूम, 6X6 के प्रसाधन व 5X5 के ड्रेसिंग कक्ष होंगे। लोहे व लकड़ी से बनने वाला यह हवाई महल जमीन से 50 फीट ऊंचा होगा। पर्यटकों के लिए इको हट वाल्मीकि परियोजना देश में तीसरे नंबर की व्याघ्र परियोजना है। यहां देश-विदेश से पर्यटक आते हैं। नववर्ष के पहले दिन तो काफी भीड़ जुटती है। कुछ ही दिनों पहले कोतराहां समेत कई स्थानों पर इको हट बनाए गए थे। अब ट्री हट बन रही हैं।
यादगार बनाने वालों की कमी नहीं बगहा :अपनी शादी और हनीमून को यादगार बनाने वालों की अब कमी नहीं है। कहीं समुद्र की गहराइयों में पनडुब्बी पर तो कहीं अंतरिक्ष में उड़ान भरते जहाजों में यादगार बनाने जैसी शादियां होती हैं। देश-दुनिया में एक से बढ़कर एक उदाहरण सामने आते हैं। 2012 में मुजफ्फरपुर में ही एक यादगार शादी एलएस कॉलेज के प्रांगण में हुई थी। इसमें लड़की जब कमल के फूल से निकली और हवाई जहाज से फूलों की बारिश हुई तो लोग आश्चर्यचकित रह गए थे।सुरेंद्र त्रिवेदी, मुजफ्फरपुर :नई विवाहित जोड़ों के लिए नए वर्ष में खुशखबरी है। वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना के रिजर्व क्षेत्र में हनीमून के लिए एक और आकर्षक योजना पर तेजी से काम चल रहा है। ट्री हट के रूप में सुविधाओं से लैस ये आकर्षक ठहराव 2014 से ही उपलब्ध होने लगेंगे। इको टूरिज्म के तहत इको हट के बाद यहां के प्रबंधन की यह अनोखी पहल है। यह जंगल सफारी के शौकीनों के लिए भी आकर्षण का केंद्र होगा।
व्याघ्र परियोजना के अंतर्गत प्रमंडल-दो के कोतराहां वन विश्रमागार परिसर में राजगीर के कुशल कारीगरों के हाथों इन्हें तैयार कराया जा रहा है। डीएफओ के डॉ. नीरज नारायण ने बताया कि ट्री हट को राजगीर के कुशल कारीगर बना रहे हैं। नए जोड़ों व जंगल सफारी के लिए आनेवाले पर्यटकों के लिए यह विशेष आकर्षण का केंद्र बनेगा। यहां ठहरनेवाले पर्यटक उत्तम आवासीय सुविधाएं पाने के साथ-साथ प्रकृति का मनोरम दृश्य भी देख सकेंगे। प्रकृति की गोद में आशियाना :ट्री हट एक प्रकार से प्रकृति की गोद में बनाया जाने वाला सुंदर आशियाना होगा। इसमें 12X12 का एक बेड रूम, 6X6 के प्रसाधन व 5X5 के ड्रेसिंग कक्ष होंगे। लोहे व लकड़ी से बनने वाला यह हवाई महल जमीन से 50 फीट ऊंचा होगा। पर्यटकों के लिए इको हट वाल्मीकि परियोजना देश में तीसरे नंबर की व्याघ्र परियोजना है।
यहां देश-विदेश से पर्यटक आते हैं। नववर्ष के पहले दिन तो काफी भीड़ जुटती है। कुछ ही दिनों पहले कोतराहां समेत कई स्थानों पर इको हट बनाए गए थे। अब ट्री हट बन रही हैं। यादगार बनाने वालों की कमी नहीं बगहा : अपनी शादी और हनीमून को यादगार बनाने वालों की अब कमी नहीं है। कहीं समुद्र की गहराइयों में पनडुब्बी पर तो कहीं अंतरिक्ष में उड़ान भरते जहाजों में यादगार बनाने जैसी शादियां होती हैं। देश-दुनिया में एक से बढ़कर एक उदाहरण सामने आते हैं। 2012 में मुजफ्फरपुर में ही एक यादगार शादी एलएस कॉलेज के प्रांगण में हुई थी। इसमें लड़की जब कमल के फूल से निकली और हवाई जहाज से फूलों की बारिश हुई तो लोग आश्चर्यचकित रह गए थे।
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