देर आए मगर दुरुस्त आए। यह कहावत कनाडा के डाक विभाग पर पूरी तरह से ठीक बैठती है। क्योंकि यहां के डाक विभाग ने एक अधूरे पते वाले पत्र को सही हाथों तक पहुंचाने में 45 साल लगा दिए।
हुआ यूं कि एक महिला ने 1969 में अपनी बहन को एक पत्र भेजा। लेकिन पत्र पर लिखे पते में नाम और शहर के अलावा अन्य जानकारियां गलत थी। इस कारण यह पत्र उस समय पते पर नहीं पहुंचा।
लंबे समय बाद जब पत्र पाने वाले ने किसी अन्य वजह से अपना ठिकाना बदलकर डाक विभाग को सूचित किया कि अब इस पते पर आने वाली डाक को उसके नए पते पर भेजें तो डाक विभाग द्वारा सालों से पड़ी उस पाती के मालिक की अनायास पहचान कर ली गई। विभाग ने पत्र पाने वाले को पत्र के साथ एक नोट लिखकर भी भेजा। हालांकि इसमें चार दशकों से अधिक की हुई देरी के लिए खेद नहीं व्यक्त किया गया था बल्कि पत्र के खस्ताहाल हो जाने की स्थिति पर जरूर खेद प्रकट किया गया था।
Source: Hindi News