इसमें किसी को संशय नहीं कि इंसानी जिंदगी में तलाक का सीधा मतलब दांपत्य जीवन में भूचाल ही होता है। पारिवारिक विघटन की ऐसी दर्दनाक दास्तान पक्षियों की कुछ प्रजातियों को भी झेलनी पड़ती है। जोड़ीदार से झगड़ा हो जाए या फिर दूसरा साथी ज्यादा सुंदर मिल जाए तो पक्षी तलाक देने में भी देरी नहीं करते। कुछ पक्षी कई से रिश्ते बनाने के शौकीन होते हैं। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में वाइल्ड लाइफ विभाग के प्रो. एचएसए याहया ने दशकों के शोध से कई नायाब चीजें पुस्तक में संजोई हैं।
एएमयू के वाइल्ड लाइफ डिपार्टमेंट के प्रो. एचएसए याहया बीते 40 साल से पक्षियों पर शोध कार्य में लगे हुए हैं। खासकर वारबेट प्रजाति के पक्षी, खरमोर, नरकोंडम हॉर्न बिल व सफेद पंख वाली बतख पर। शोध के सिलसिले में स्कॉटलैंड, कैलिफोर्निया और सऊदी अरब तक जा चुके हैं। इसी हफ्ते उर्दू में लिखित पुस्तक गर्द-ओ-पेश में उन्होंने इसका पूरा उल्लेख किया है। यह उनकी 11वीं पुस्तक है। सारस और आस्ट्रिया का पहाड़ी कौवा (रैबीन) एक ही जीवनसाथी के साथ पूरी उम्र काट देते हैं। नर हो या मादा, कोई अपनी जिंदगी में दूसरे को नहीं आने देता। दुखद है कि कम होते जंगलों और बढ़ते प्रदूषण से इनकी संख्या लगातार घट रही है।
बया भी लाजवाब : बया पक्षी सबसे ज्यादा जोड़े बनाते हैं। नर घोंसला अधूरा छोड़ देता है। बाकी का घोंसला जोड़ा बनने पर दोनों बनाते हैं। मादा बया को अच्छा नर मिल जाता है तो वह पहले वाले को छोड़ देती है।
रिझाते हैं मादा को : राष्ट्रीय पक्षी मोर व गुजरात में पाए जाने वाले खरमोर का जीवन सबसे जुदा होता है। यहां नर अपना जोड़ा बनाने के लिए उछलकूद करके खास आवाज निकालते हुए मादा को रिझाता है। मादा मोर इनकी अदा पर फिदा हो जाती है। मोर की सुंदरता का ही यह असर है कि कई से अधिक मोरनी मोहित रहती हैं।
तलाक भी : अमेरिकन मॉकिंग वर्ल्ड व पॉलीएंड्री ऐसी प्रजातियां हैं, जिसमें मादा एक से अधिक नर से संबंध बनाती है। वर्ल्ड ऑफ पैराडाइज की भी एक प्रजाति ऐसी ही है। एक से ज्यादा से संबंध ही तलाक की वजह बनते हैं। गलत साथी का चयन या फिर दुर्घटना में घायल होने पर भी नर या मादा पार्टनर बदल लेते हैं। दूसरा नर अगर ज्यादा आकर्षक है तो भी मादा पुराने साथी को छोड़ने में देर नहीं लगाती।
एएमयू के वाइल्ड लाइफ डिपार्टमेंट के प्रो. एचएसए याहया बीते 40 साल से पक्षियों पर शोध कार्य में लगे हुए हैं। खासकर वारबेट प्रजाति के पक्षी, खरमोर, नरकोंडम हॉर्न बिल व सफेद पंख वाली बतख पर। शोध के सिलसिले में स्कॉटलैंड, कैलिफोर्निया और सऊदी अरब तक जा चुके हैं। इसी हफ्ते उर्दू में लिखित पुस्तक गर्द-ओ-पेश में उन्होंने इसका पूरा उल्लेख किया है। यह उनकी 11वीं पुस्तक है। सारस और आस्ट्रिया का पहाड़ी कौवा (रैबीन) एक ही जीवनसाथी के साथ पूरी उम्र काट देते हैं। नर हो या मादा, कोई अपनी जिंदगी में दूसरे को नहीं आने देता। दुखद है कि कम होते जंगलों और बढ़ते प्रदूषण से इनकी संख्या लगातार घट रही है।
बया भी लाजवाब : बया पक्षी सबसे ज्यादा जोड़े बनाते हैं। नर घोंसला अधूरा छोड़ देता है। बाकी का घोंसला जोड़ा बनने पर दोनों बनाते हैं। मादा बया को अच्छा नर मिल जाता है तो वह पहले वाले को छोड़ देती है।
रिझाते हैं मादा को : राष्ट्रीय पक्षी मोर व गुजरात में पाए जाने वाले खरमोर का जीवन सबसे जुदा होता है। यहां नर अपना जोड़ा बनाने के लिए उछलकूद करके खास आवाज निकालते हुए मादा को रिझाता है। मादा मोर इनकी अदा पर फिदा हो जाती है। मोर की सुंदरता का ही यह असर है कि कई से अधिक मोरनी मोहित रहती हैं।
तलाक भी : अमेरिकन मॉकिंग वर्ल्ड व पॉलीएंड्री ऐसी प्रजातियां हैं, जिसमें मादा एक से अधिक नर से संबंध बनाती है। वर्ल्ड ऑफ पैराडाइज की भी एक प्रजाति ऐसी ही है। एक से ज्यादा से संबंध ही तलाक की वजह बनते हैं। गलत साथी का चयन या फिर दुर्घटना में घायल होने पर भी नर या मादा पार्टनर बदल लेते हैं। दूसरा नर अगर ज्यादा आकर्षक है तो भी मादा पुराने साथी को छोड़ने में देर नहीं लगाती।
Source: Hindi News
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